वक़्त ने बीतना होता है , बीत जाता है। हम तारीखों को ढोते हैं और समय हमारी कलाईयों पर बंधे रहने का भरम देता हुए हमें कहीं पीछे छोड़ जाता है। आगे बढ़ना भी कहाँ हो पाता है। जो पीछे छूट गया वो भला था या बुरा था जैसा भी रहा गुज़र गया....... कुछ सीखा कि नहीं ,नहीं कह सकती ये भी वक्त ही तय करेगा।
खुशनसीबी पर इतराने को जी करता है तो दूसरे ही पल मन उदास भी हो जाता है। लम्हे बड़े सौदाई होते हैं ,हर एहसास की कीमत मांगते हैं। सिर पर प्यार करने वालों का उधार चढ़ा है उधर नफरत करने वाले दरवाजा पीट रहे हैं। मैं किस से तकाजा करूँ ? दोनों ही मेरे अपने हैं....... मेरे ही लेनदेन के खाते है।
जाईये गुज़र जाईये , हर गली में सौदाई हैं ,हर गली जज्बात बिकते हैं , रिश्तों की होली जलती है कभी ख्वाबों की दिवाली मनती है। ये कारवां है जिधर से गुज़र जाए जिंदगी , अजब रंग बिखरे हैं गज़ब लोग मिलते हैं।
ये साल शानदार रहा , उम्मीद से बेहतर हासिल किया और उम्मीद से कहीं अधिक खो भी दिया। पाया जो कुछ सर माथे , जो खोया उसका हौसला जुटाने में जो पाया वो भी उम्मीद से बढ़ कर पाया। अफ़सोस कुछ नहीं बस यही तल्ख़ी रह गयी कि कुछ सितारे जो फ़लक पर चमक सकते थे वो अनजाने ही जमीन पर आ गिरे और मैं निमित्त बन गयी।
तोड़ देते हैं कुछ पल, कुछ भरोसे डगमगा जाते हैं ,कुछ उम्मीदें जला के ख़ाक कर देती हैं लेकिन दूसरे ही पल कुछ नए लम्हे हाथ आगे बढ़ा देते हैं........ विश्वास लौट आता है , भरोसा और बढ़ जाता है कि ईश्वर हमारे लिए कभी गलत चुन नहीं सकता।
मैंने जो चुना गलत चुना पर वही सजा मेरे लिए नियति ने तय कर रखी थी कि मैं ठोकर खा लूँ तो समझूँ कि जिंदगी सीधा सपाट मैदान नहीं है। घुटने छिले हैं तो दर्द भी होगा ,कुछ तमाशबीन हंसेंगे भी लेकिन जख्म याद दिलाता रहेगा कि काल की गति कैलेंडर की मोहताज नहीं है।
मैंने जो निर्णय किये वो सही थे क्यूंकि उन्हीं ने मुझे सच को जीने का हौसला दिया। नई मंज़िलों के पते मिले ,नया आसमान मिला। ईनाम के तौर मिली किसी अजनबी मुस्कुराहट की कीमत लगाई ही नहीं सकती।
जो किया दिल से किया ! शिकायत किसी से अब कोई बाकी नहीं.......... कटुता शेष नहीं केवल मंगल कामनाएं हैं ....... नियति क्या चुन के लाई है पता नहीं पर मेरी दुआएं आप के हर नेक कदम पर आपके साथ हैं।
2016 मेरे जीवन में तुम्हारा स्वागत है !