Friday 2 October 2015

ईमानदारी और आदर्शों के भरम तो यहाँ टूटेंगे ही आदर्शों का तिलिस्म भी स्वाह होना ही है ।

दो महीने पहले, पहला ब्लॉग लिखा था जब लिखा था तब सोचा नहीं था कि ये ब्लॉग मुझे जिंदगी की कितनी और हकीकतों से रूबरु करवाएगा…हमेशा वही लिखती रही जो दिल कहता रहा ! क्या ,क्यों ,कैसे ,किसलिए , किसके लिये ,कब तक ,कहाँ तक ,बिना कुछ सोचे ,बिना कुछ समझे लिख रही थी ! जैसा था ,जैसा है सब वैसा ही लिख भर दिया …… तब ख्याल भी नहीं आया कि जैसा दिख रहा है ,जैसा लग रहा है वैसा कल नहीं दिखेगा। जब सब कुछ बदल रहा है तो उस सबका भी बदलना लाजमी है। ………चाँद भी कल रात जैसी बात नहीं करता ,अब ना दोपहर किसी शाम का इंतज़ार करती है !

बहुत कुछ घट गया बहुत कुछ भर गया........ 

ब्लॉग और ट्विटर से बचे दिन के चंद घंटे कॉलेज में नये सपनों वाली पीढ़ी के साथ गुज़रते हैं। करीब से देख रही हूँ ,करीब से गुज़री हूँ एहसासों ,हादसों और सपनों की उड़ान वाली मेट्रो की ट्रैक के साथ दौड़ी भी हूँ …… 

राजनीति में युवाओं की भागीदारी पर सैंकड़ों सेमीनार -चर्चाएं की ,वाद-विवाद देखे पर इन दो सालों और इन ख़ास दो महीनों में जो देखा उसने ये  समझा दिया कि जो देखा वो कम देखा ,कुछ नहीं देखा। 

आदर्शों और ईमानदारी की दुहाई देने वाले नेताओं की बेगैरत तस्वीरें -तहरीरें देखीं , युवाओं के जोश -जज्बे पर राजनैतिक गोटियां चलते देखीं ! ऐसे युवा मिले जो अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ एक विचारधारा में ऐसे डूबे कि जब होश आया तब तक किनारे भी साथ छोड़ चुके थे ....... इंजीनियरिंग में बैक लगवा लेना ,सिर्फ इसलिए कि कोई आदर्शवादी विचारधारा के समर्थन के लिए जमीन तैयार करनी है , लाठी -डंडे खाने हैं ,माँ -बाप के ताने और परिवार से नालायकी का तमगा पहनना है…… हद है ! 

ऐसी लड़कियां मिलीं जो रात -दिन पढ़ाई के साथ सोशल मीडिया और जिनसे बन पड़ा ग्राउंड पर राजनैतिक -सामाजिक आन्दोलनों का हिस्सा बनी रही ! गाली खाईं , दुश्चरित्रा कहलाई , समाज और परिवार के ताने सुने, भावनात्मक -शारीरिक शोषण का शिकार बनी पर डटी रहीं ! ट्विटर पर राजनैतिक मंच पर महिलाएं कम हैं और अच्छा भी है कि कम हैं ....... ये वो गंद है जहाँ कितने भी साफ़ रहने का प्रयास कीजिएगा छींटे लगना तय है। 

ईमानदारी और आदर्शों के भरम तो यहाँ टूटेंगे ही आदर्शों का तिलिस्म भी स्वाह होना ही हैं । 

जिन आदर्शों के लिए दिन -रात बकझक करते हैं ,लाठी -डंडे खाते हैं उसकी स्क्रिप्ट बंद कमरों में चार लोग लिखते हैं - जहाँ से वो इनके डीएम में ,व्हाट्सप्प पर ,फेसबुक पर से गुज़रती हुई इनकी जिंदगी में कब दाखिल हो जाती है ,इन्हें पता ही नहीं चलता ! कुछ ने इनको सीढ़ी बना लिया ,कुछ ने उनको सीढ़ी चुन लिया…… भावनाओं की आड़ में शार्टकट का खेल  कमाल बाजीगरी का है। 

वो जिनको इनसे नाम -पद -सत्ता मिल जाती है वे जल्दी ही अपने गुलामों की सेना तैयार करने में जुट जाते हैं ताकि उनकी सत्ता को चुनौती न मिले और उनके तमाम काले कारनामे इन युवाओं की मूर्खताओं की आड़ में छुपाये जाते रहे। 

अंततः ये युवा दरसल हलाली के बकरे -बकरियां सिद्ध कर दिए जाते है और योजनाबद्ध व्यवस्था से इतिहास में गुम कर दिए जाते हैं 

दूध का उफान है ,चढ़ता है तो उतर भी जाता है पर उतरने की कीमत में किसी का मकान बिक गया , किसी का जेवर बिक गया तो किसी का जमीर बिक गया। 

सबने खोया …… चाँद किसके हिस्से आया ? इस सवाल का जवाब तो वही दे सकते हैं जो रात फिर उसी फुटपाथ से गुज़रते हुये उस दीवार को देखते हैं जिस पर कभी पोस्टर चिपकाते हाथ अघाते ना थे। 

सबके साथ का ये सफर कभी अंधेरों से कभी उजालों से कभी सपाट मैदानों से होकर गुजर रहा है....... 

बहुत कुछ सुन रही हूँ , बताने को बहुत कुछ है आप पढ़ते रहिएगा , ये जिंदगी है बस उदास न होना …… 

5 comments:

  1. ek bohut lamba comment likha tha..post karne gya to...google ne sign in karne ko bola...kara...to,,,saari type kiye hue tippani gayab... pratarit mehsus karr rah hu..


    achcha likha h..aapne...relate karr pa rah hu...parr thoda ,,negativity ki mehek aayi...kahin...
    .
    .
    .
    hindi bhasa m pakad shaandar h aapki...likhte rahiye...padhta rahunga...

    subh ratri.

    Rakesh.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जीवन में सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए और सच को सदैव नकारात्मक मानने की गलती से भी बच सकें तो बेहतर है ....संदेह समाधान नहीं है

      Delete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  3. yes thodi negativity to hai...mostly because of lack of trust....Jinhone kuch kuch koya hai...education main ya monetory....unhone kuch sheekha hi hai which will become foundation for coming days....Many of them will emerge if not as good leader then good person for sure.....

    ReplyDelete
  4. काफी अच्छा लिखा है ! आपके हिंदी का तो मुरीद हु हीं ! साथ ही सभी घटनाओं को बखूबी से एक साथ जोड़कर लोगों के सामने पेश करने की जो काबिलियत है उसके बारे में सिर्फ इतना कहना चाहूँगा कि मुझे भी सिखा दो ये कला !

    ReplyDelete