Thursday 17 September 2015

आप भी चलते रहिये…… सफर में रहेंगे तो सफरिंग कुछ कम होगी ! हैप्पी आवारगी !

बानगी है सफर की या रवानी उम्र की………  पड़ाव दर पड़ाव हैं ! चलती फिरती रिश्तों की धर्मशालायें हैं ,कुछ सस्ते होटल कुछ जेब काट होटल भी हैं ! कुछ खुले आसमान से हैं कुछ खिड़कियों के पीछे से झांकते ,दरवाजे की जद से झांकते रिश्ते हैं…………

तुम साथ क्यों न आईं …… वो अक्सर पूछता है ? बरसों से पूछ रहा है …… मैं चुप रह जाती हूँ ! जवाब ना तब था ना अब है। पर सच ये है कि न उसका लौट जाना हुआ न मेरा लौट आना हुआ........ हुआ तो बस सफर हुआ !

जिंदगी की कहानी सफ़र के इर्दगिर्द टिकी है। अमृता प्रीतम के " रसीदी टिकिट " को कई बार पढ़ा ,हर बार इसी नतीजे पर आ टिकी कि सब आवरगी है ....... ख्यालों की आवारगी ,रूह की आवारगी ! टॉलस्टॉय की अन्ना का अंत उन पहियों के नीचे हुआ जो ताउम्र उसका पीछा करते रहे ..........

वोलेंस्की हर युग में रहे ,अन्ना भी आसपास है ……सफर भी, पटरी भी !!

कितने टुकड़ों में बंटे अहसास है ,न सब तेरे हैं न सब मेरे हैं - सब आधे सब अधूरे !! पूरा होने की प्यास में सफर दर सफर - पड़ाव -दर पड़ाव !! हर बस्ती मयखाना थी पर हर बस्ती प्यासी थी ……कोई नहीं मिला जो कहे कि " बस ! अब और कुछ नहीं " !!

मैंने कस्तूरी चुनी है , भाग रही हूँ उस सोने के हिरण के पीछे जो मुझे जंगल जंगल लिए जाता है ! अब इस तलाश में मज़ा आने लगा है , गुम जाने का मन है ! ऐसा गुमना हो कि कोई शोर मुझ तक न पहुंचे ....... चलना ऐसा हो कि रुकने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए !

सात समंदर की दूरी है पर रूह के इतने करीब कि सफ़र का ना आगाज़ अब याद रहा न अंजाम का पता है………मेरे आसपास की दुनिया में सब हैं पर कोई सफ़र की दूरी का साथी नहीं हो सकता !

सफर हमेशा अकेले ही करना चाहिए जब अकेले होते हैं तो झमेले से दूर होते हैं !! सबके अपने सफर -सबकी अपनी मंज़िल !!

कोई सफर चाँद के साथ लौट रही हूँ ……चाँद रात उजास लिए  मेरी पलकों पे टिकी है ! खिड़की से सिर टिका है.... हवा की नमी और मटियाली गंध चुंबक सी वक़्त को सालों पीछे के किसी सफर में ले जाती हैं !

सफ़र अकेले करती हूँ पर अकेली कब होती हूँ ....... मुझे ऐसे ही पसंद है ! उस एक विदा के बाद अब कोई विदा सहने करने का माद्दा शेष नहीं है !  अब किसी साथ की चाह भी शेष नहीं हाँ बस सफर शेष है  जो अंतिम विदा तक करना ही नियति है , करना जरूरी है !

मेरी आवारगी मेरी जान मेरा सलाम है !

आप भी चलते रहिये…… सफर में रहेंगे तो सफरिंग कुछ कम होगी ! हैप्पी आवारगी !

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