Sunday 6 September 2015

पर्सनल मैटर पर गपशप आंटियों का काम है ……अंकल झाँका-झांकी से काम चला रहे हैं

कुछ दिन पहले मेरी टाइम लाइन पर मुझे टैग करके किसी ने किसी के किसी के साथ संबंधों में होने की बात कही , संबंधित हैंडल देखे तो लगा कि संबंधित की स्वीकृति है तो बधाई दे डाली ............. एक बधाई को स्वीकार करने वाले ने इस बधाई पर हाहाकार मचा दिया............. लड्डडू की उम्मीद में लानतें नसीब हुई ……

उस दिन ज्ञान मिला कि किसी का किसी के साथ रिश्ता उसका निजी मामला है , पर्सनल मैटर पर गपशप आंटियों का काम है ……दीगर बात ये कि अंकल झाँका-झांकी से काम चला रहे हैं। 

उस दिन से मेरी ऑंखें अंकलों की इन्द्राणी के पतियों में दिलचस्पी और दिग्विजय सिंह के अमृता से विवाह पर आने वाले ठरकी सवालों पर जा टिकी हैं।  

वे जो दूसरों की नैतिकता पर प्रश्न उठा रहे हैं अपने गिरेबान में क्यों नहीं झांक रहे ……… इसलिए कि उनके गिरेबान में सनी लियोनी के कंडोम एड की क्लिप है या पोर्न की ओवरडोज़ ने उनके गिरेबान को चाक कर रखा है। 

जब आपकी बारी आती है तो सब निजी हो जाता है जब दूसरों की बारी आती है तो सब सार्वजानिक हो  जाता है और आपके पास उनके चरित्र हनन का अधिकार चला आता है !

सवाल ये होना चाहिए कि क्या वयस्क ये अधिकार भी नहीं रखते कि वे अपना साथी चुन सकें ?? उम्र जब उन दोनों के लिए बंधन नहीं है तो किसी को भी क्या परेशानी है………… वे विवाह कर हे हैं , रेप नहीं कर रहे हैं ! 

इन्द्राणी के कितने पति हैं कि जगह उसके नैतिक और कानूनी अपराधों का जिक्र होता तो ठीक होता पर आपको ये अधिकार किसने दिया कि किसी के बैडरूम की कहानियां आप चटखारे ले कर सुनाते फिरें और निजता की ताल भी ठोकते रहें।  

बेमानी है आपकी नैतिकता और निजता कि दुहाई --- बिलकुल मेरे कहानी "ट्विटर रासलीला के महानायक " के महानायक के चारित्रिक गुणों जैसी ! जो संबंध बनाता है फिर संबंधों को नकारता है............ नैतिकता और बौद्धिक  व्यवहारिकता के धरातल पर उसे सही सिद्ध करने के लिए हर तरह का जुगाड़ करता है। 

क्लीवेज का मसला हो या राधे माँ के नए अवतार हों सब पर आने वाली टिप्पणियां यौन कुंठाओं का बयां करती हैं। जब आप गालियों  में माँ -बहन और यौन शब्दावली का सार्वजानिक इस्तेमाल करते हैं तो फिर निजी कहने के लिए बचता क्या है……

बंद कीजिए उपदेश देना ! यदि आप नहीं चाहते हैं कि आपके बैडरूम और आपके संबंधों को लेकर सवाल किये जाएँ तो आप भी अपना मुहं बंद रखिये। 

पर उपदेश कुशल बहुतेरे………… बाबा तुलसी जानते थे कि ये बात हर युग में सही सिद्ध होगी ! सो हो गयी !

चलते हैं आप भी चलते रहिये....... ठहरा पानी बदबू मारने लगता है सो बहते रहिये !

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